–ज्योति झा

मिथिलाके पावनि यी, मैथीलके गुमान छै ।
कोजगरामे देखू सकल मिथिला रंगाएल छै ।

माथपर पगरि, सभक मूककह भरल पान छै ।
कोजगरामे देखू सकल मिथिला रंगाएल छै ।

धोतीपर कुर्ता ताहिपर, खरामोके शान छै ।
कोजगरामे देखू सकल मिथिला रंगाएल छै ।

अपने पोखरिक माछ , मखान पकबान छै ।
कोजगरामे देखू सकल मिथिला रंगाएल छै ।

महिसक दहीमे, चूरा–अककचार मिझराओल छै ।
कोजगरामे देखू सकल मिथिला रंगाएल छै ।

चौहदिस सुनू सुहनगर गीत, गूञ्यमान छै ।
कोजगरामे देखू सकल मिथिला रंगाएल छै ।

तिलकोरक तरूवा सेहो भेल लाले–लाल छै ।
कोजगरामे देखू सकल मिथिला रंगाएल छै ।

देखएला यी पावनि चन्दा सेहो, अगुताएल छै ।
कोजगरामे देखू सकल मिथिला रंगाएल छै ।

छूट्टीके दिन छै, सब मैथिल घर आएल छै ।
कोजगरामे देखू सकल मिथिला रंगाएल छै ।